Tuesday, August 10, 2010

Good and Service tax (GST)

लागू होने पर वस्तुओं पर न तो एक्साइज ड्यूटी देनी होगी और न वैट। उसे बस एक टैक्स देना होगा- जीएसटी। यह देश भर में एक समान होगा। इस सिस्टम में खास बात यह है कि अगर कोई वस्तु हरियाणा में तैयार होकर दिल्ली आती है तो हरियाणा में जीएसटी देने के बाद बेशक दिल्ली में उस वस्तु पर जीएसटी देना होगा, मगर दिल्ली में दिया गया जीएसटी उसमें से कट जाएगा। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लिया जाए कि किसी ने हरियाणा में 100 रुपये के किसी सामान पर 20 पर्सेंट का जीएसटी दिया।

दिल्ली में उसे वह वस्तु 120 रुपये की पड़ी। 120 रुपये का 20 पर्सेंट का जीएसटी हुआ 24 रुपये। इसमें से पहले दिया गया जीएसटी का 20 रुपये कट जाएगा। यानी जीएसटी मात्र 4 रुपये देना होगा। मौजूदा समय में हर राज्य में अलग-अलग सेल्स टैक्स हैं। सीआईआई के जनरल सेक्रेटरी चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि राज्यों में जीएसटी के लिए सहमति बन रही है। अगर यह तय समय से लागू हो गया तो इसका लाभ सरकार, बाजार और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी को भी मिलेगा। आगे जानिए क्या होगा फायदा...
मार्केट एक्सपर्ट्स की राय में फायदा कीमतों में उतार तक सीमित नहीं रहेगा। इनडायरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट सुशील अग्रवाल के अनुसार जीएसटी सारे प्रदेशों में एक समान होगा। ऐसे में, वस्तुओं को एक राज्य से दूसरे राज्यों में ले जाने से उनकी कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं होगा। रिटेल या थोक व्यापारी राज्यों में सेल्स टैक्स की अलग-अलग दरों के नाम मनमर्जी कीमतों पर वस्तुएं नहीं भेज सकेंगे, क्योंकि कीमतों के मामले में संगठित क्षेत्र और असंगठित क्षेत्र की कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं रह जाएगा।

असंगठित क्षेत्र को कच्चे माल की सप्लाई में जीएसटी का लाभ नहीं मिलेगा। जीएसटी का फायदा मिलने से असंगठित क्षेत्र भी संगठित क्षेत्र में आना शुरू हो जाएगा। इससे केंद और राज्यों की टैक्स से आमदनी बढ़ेगी। आगे जानिए क्या होगा GST का स्ट्रक्चर
वस्तु की कीमत - 100 रुपये
एक्साइज ड्यूटी (14 पर्सेंट)- 14 रुपये
114 रुपये पर वैट 12.5 पर्सेंट- 14 रुपये

कुल कीमत- 128 रुपये

आगे जानिए GST लागू होने के बाद का स्ट्रक्चर..
वस्तु की कीमत- 100 रुपये
जीएसटी- 20

कुल कीमत- 120 रुपये

आगे जानिए क्या है राज्यों की आमदनी

एक्साइज ड्यूटी - 4 लाख करोड़ रुपये
वैट- 5 लाख करोड़

कुल आमदनी- 9 लाख करोड़ रुपये

अभी मात्र 15 से 20 पर्सेंट कारोबार ही है ऑर्गनाइज्ड/
जीएसटी लागू होने पर ऑर्गनाइज्ड कारोबार 70 से 80 पर्सेंट होने की उम्मीद
जीएसटी से कुल अनुमानित आमदनी - 30 लाख करोड़ रुपये
केंद्र की हिस्सेदारी - 15 लाख करोड़
राज्यों की हिस्सेदारी- 15 लाख करोड़

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